गुस्सा

जितनी देर में ये पल जायेगा
मेरे गुस्से से सब जल जायेगा

हमारे रिश्ते की मीनारों का
वो फ़ौलाद भी गल जायेगा

टूटते तारे से मांगी वो दुआ
उस ही तारे सा ढल जायेगा

आंसुओं से आज बचा लोगे पर
उनमें डूब हमारा कल जायेगा

Create a website or blog at WordPress.com

%d bloggers like this: