बचके रहियो

कांटे पे खिली गुल से बचके रहियो
शक में छिपे बिल्कुल से बचके रहियो

तेरा गाना चुराने आती है हर दिन
इस लुटेरी बुलबुल से बचके रहियो

हसीना के राखी से दूर भागने वाले
हसीना के काकुल से बचके रहियो

आख़िर में जलाके जाएगी महबूबा
इस मोहब्बत के पुल से बचके रहियो

तेरे सब गुनाह ख़ुदा बक्श देगा ‘मिसरा’
मौका-ए-तक़ाबुल से बचके रहियो


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Comments

One response to “बचके रहियो”

  1. […] Translated from my Hindi poem, बचके रहियो […]

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