शर्तें क़रीब हज़ार हार चुका हूँ
मैं ख़ुद से इतनी बार हार चुका हूँ
शुरू में ईंट रक्खी थी दाव पे
अब तो पूरी दीवार हार चुका हूँ
महीना गुज़र गया था जब तक
जाना कि उसका प्यार हार चुका हूँ
अपने गुरूर की क्या ही बात करूं
नाक बचाके रोज़गार हार चुका हूँ
नाम के चक्कर में मुड़ के न देखा
पीछे कितने बहार हार चुका हूँ
ख़ुद में इतना मसरूफ रहा ‘मिसरा’
अपना परवरदिगार हार चुका हूँ
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One response to “हार चुका हूँ”
[…] Translated from my Hindi poem, हार चुका हूँ […]
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